पाठ्य योजना
कक्षा-
दूसरी विषय-हिंदी
उपविषय- मात्रा-ज्ञान पाठ्य पुस्तक -एन सी आर टी
सामान्य उद्देश्य-
1.शुद्ध और
स्पष्ट मौखिक उच्चारण का विकास करना
2.विद्यार्थियों के शब्द भंडार
में वृद्धि करना ।
3. बच्चो को मात्राओं का सही प्रयोग
बताना ।
विशिष्ट उद्देश्य- 1. बच्चो
को सभी मात्राओं
का ज्ञान हो
जायेगा और
वह इनका प्रयोग
करना भी सिख
लेंगे ।
2. बच्चो का हिंदी
बोलने, लिखने, और पढ़ने में विकास होगा ।
3.बच्चे अलग अलग मात्राएँ लगा कर नए शब्दों का निर्माण कर सकेंगे ।
जीवन कौशल- बच्चो को अपने भीतर छिपे कलाकार को
उभारने में मदद मिलेगी।
विविध बुद्धिमता - रचनात्मकता , क्रियात्मकता , सोच
– विचार |
सामाजिक कौशल - सहयोग |
सहायक सामग्री
- पाठ्यपुस्तक, चॉक, श्याम-पटल,
प्रक्षेपक, विडिओ आदि।
कलात्मक
कौशल- विद्यार्थियों
को मात्राओं से शब्द बना कर उनका चित्र बनाने
को दिया जायेगा |
पूर्वज्ञान परीक्षा-
अध्यापिका
बच्चो का पूर्वज्ञान परीक्षण करने के लिए उन से निम्न्लिखित प्रश्न पूछेगी:-
(क) यह किसका चित्र है ? (बच्चो को चिड़िया का चित्र दिखाते
हुए)
(ख) चिड़िया शब्द
में कौन कौन से अक्षर आए है ?
(ग) च अक्षर पर
किसकी मात्रा है ?
(घ) यह किसका
चित्र है ?(बच्चो को अनार का चित्र दिखाते हुए )
(ड.)अ और
न शब्द के साथ कौन सी मात्रा लगी है ?
विषय की
घोषणा- पूर्व ज्ञान
परीक्षा के आधार पर अध्यापिका उपविषय की घोषणा करेगी | अध्यापिका द्वारा मात्राओं से
बनने वाले शब्दों के बारे में बताया जायेगा|
कक्षा कार्य-
अध्यापिका
द्वारा बच्चो को अलग अलग मात्राओं के बारे में ज्ञान दिया जायेगा । अध्यापिका बच्चो
को बताएगी की च अक्षर पर 'इ' की मात्रा लगी है जिसे ( ि) से प्रदर्शित करते है । इसी
प्रकार न में आ की मात्रा लगी है जिसे ( ा)
से प्रदर्शित करते है ।
चिड़िया -
च + इ + ड + इ + य+ आ
च + ि + ड
+ ि + य+ा
अनार - अ
+ न + आ + र
अ + न + ा
+ र
इसी तरह अध्यापिका
सारी मात्राओं को करवाएगी
पुनरावृत्ति से जुड़े प्रश्न-
विविध बुद्धिता से जुड़े प्रश्न-
गृहकार्य- ए और ू की मात्रा वाले सात सात शब्द बनाये ।
मूल्यांकन-
विद्यार्थियों को मात्राओं से संबंधित वर्कशीट दी जाएगी |
अधिगम के परिणाम-
क- विद्यार्थियों की भाषा पर पकड़ मजबूत होगी।
ख- विधार्थियो में पुस्तकों के प्रति प्रेम उत्पन्न होगा ।
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