Wednesday, September 23, 2020

हिन्दी पाठ योजना 'प्रार्थना पत्र'

 

                              पाठ योजना

  विषय – हिन्दी                                    माह - नवम्बर
  
कक्षा – दूसरी                                     उपविषय: प्रार्थना पत्र

भाषागत उद्देश्

  सामान्य उद्देश्य -  छात्रों के

 .    परिवेश जागरूकता का विकास चिंतन और कल्पना का विकास।

 .   वर्तनी की शुद्धता का विकास।

.    सीखे गए ज्ञान को परिवेश से जोड़ सकने की जागरूकता का विकास।

       शब्दकोष में वृद्धि करना।

       श्रवण ,वाचन,पठन , लेखन कौशल का विकास करना।

       लिखित सामग्री को ध्वनियों और मात्राओं की शुद्धता के साथ पढ़ने का ज्ञान।

        दूसरों के साथ वार्तालाप तथा प्रतिक्रिया करने की योग्यता।

विशेष उद्देश्य  

       विद्यार्थी  पत्र  लेखन  की   योग्यता  प्राप्त  करेगें

       पत्र  में  अपनी  बात  को  विषयानुरूप  भाषा  के  प्रयोग  के  साथ  संक्षेप  में  लिखेंगे

       स्वजनों  एंव  मित्रो  के  साथ  संबंध  तथा  अवस्था  को  ध्यान  में  रखते  हुए   उचित  संबोधन सीखेंगे

       हस्ताक्षरपूर्व  शब्दावली  में  अपने  लिए  उचित  सबंधसूचक  शब्द  सीखेंगे

जीवन कौशल

छात्र  पत्र  के   माध्यम   से  अपने  प्रिय  जनो     मित्रो  के  साथ  सबंध  तथा  मधुर  समृति  सीखेंगे

 सहायक सामग्री

 लिफाफे ,पोस्ट-कार्ड, अन्तर्देशिये पत्र , चार्ट, हरित पट्ट ,झाड़ ,चॉक, प्रोजैक्टर ।

पूर्व ज्ञान परीक्षण

1.क्या  आपने  कभी  किसी  को  पत्र  लिखा  है ?

2.अगर  लिखा  है  तो  किसको ?

3.भेजने  वाले  का  पता  कहा  लिखा  जाता  है ?

4.प्रार्थना  पत्र  के  मुख्या  बिंदु  कौन  से  है ?

विषय की घोषणा

अध्यापक द्वारा पूर्व ज्ञान परीक्षा के उपरांत उपविषय की घोषणा की जाएगी। अध्यापिका द्वारा कविता का संक्षिप्त वर्णन किया जाएगा। अवकाश , शुल्क-मुक्ति , या  इसी  प्रकार  की  कुछ  अन्य  सहायता के लिए  लिखे  गए  पत्रो   को   प्रार्थना-पत्र  की  श्रेणी  में  रखा  जाता  है आज  हम  चाचा  जी  को  जन्मदिन पर  भेजे  तोहफे  के  लिए  धन्यवाद  पत्र  लिखेंगे

कक्षा कार्य:      अध्यापिका  छात्रों  को  बताएगी  की  प्रार्थना  पत्र  चार  प्रकार  के  होते   है :-

1.प्रार्थना पत्र

2.निजी या पारिवारिक-पत्र

3.व्यावसायिक-पत्र

4.लेखन विधि के साथ पत्र का प्रारूप-प्रशस्ति, कलेवर तथा समाप्ति

·         प्रार्थना पत्र के  पांच  अंग होते है:

1.प्रशस्ति , संबोधन ,पता एंव विषय

2.कलेवर

3.समाप्ति ,धन्यवाद-ज्ञापन

4.हस्ताक्षर के पूर्व की शब्दावली

5.पत्र -लेखक का नाम, पता एंव दिनांक

पुनरावृति

•प्रार्थना  पत्र  के  कितने   रूप  है ?

•प्रार्थना  पत्र  के  मुख्या  बिंदु  कौन  कौन  से  है ?

•प्रार्थना  पत्र  कितने  प्रकार  के  है ?

•पत्र  का  कलेवर  रूप  कहा  लिखा   जाता  है ?

•पत्र  की  समाप्ति  कैसे  करते  है ?

रचनात्मक कार्य

   कलात्मक कार्य

·        अंतर्देशीय  पत्र  पर  किसी  संबंधी  या  मित्र  को  पत्र  लिखेंगे  और  लेटर-बॉक्स  में   डालेंगे

सीखने का परिणाम

     छात्र   शब्दों का प्रयोग कर पत्र  लिखना सीखेंगे

         श्रवण ,वाचन,पठन , लेखन कौशल का विकास करना।

         दूसरों के साथ वार्तालाप तथा प्रतिक्रिया करने की योग्यता का विकास होगा।

       छात्रों को नए शब्दों का ज्ञान होगा

                   छात्रों का बौद्धिक विकास होगा

मूल्यांकन

छात्रों की कविता के मूल्यांकन हेतु कक्षा परीक्षा ली जाएगी जैसे

कक्षा परीक्षा

अपने मित्र को उसके जन्म दिन के उपलक्ष्य में  वधाई देते हुए  पत्र लिखे                                     (10 अंक)

  

 

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